अम्बिकापुर– अम्बिकापुर नगर निगम क्षेत्र में अब आपको नो वेंडिंग ज़ोन ढूँढने पर भी नहीं मिलेंगे। वजह ख़ुद अंबिकापुर का निगम प्रशासन है। शहर के चौपाटी के पास का मुख्य मार्ग, मल्टी पर्पज स्कूल से गर्ल्स स्कूल हो या देवीगंज मुख्य मार्ग; सारे व्यस्ततम इलाके अब अवैध ठेले और अस्थाई दुकानों से पटे नज़र आते हैं। इन अवैध ठेला संचालकों को निगम की ओर से जाने वाले एजेंट को महज 10 रुपये देना होता है, जिसके बाद इन्हें कहीं भी ठेले लगाने की छूट मिल जाती है। नगर निगम चंद रुपयों के लालच में शहर को ट्रेफिक जाम और अवैध अतिक्रमण की भेंट चढ़ा रहा है जिस तरफ़ ना विपक्ष की नज़र जाती है और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान देने की जहमत उठाता दिखाई देता है।
अंबिकापुर का आकाशवाणी चौक आज की तारीख में जानलेवा साबित होने लगा है। आकाशवाणी चौक पर लगने वाले जाम से जनजीवन अस्त व्यस्त है। महापौर सुबह से शाम तक कई बार इसी रास्ते से गुजरती हैं, कई बड़े अधिकारियों का भी इस मार्ग से आना- जाना है लेकिन खुकड़ी-पुट्टू और अन्य सब्जियों की रोड पर खुली दुकानों की वजह से उपजे जाम से अनजान हैं। इसी चौक के आसपास कुछ प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के छात्र- छात्राओं को छुट्टियों के बाद इस जाम का सामना करना पड़ता है। आकाशवाणी चौक पर पूर्व में कई जाने जा चुकी हैं लेकिन नगर निगम और ट्रेफिक पुलिस की लापरवाही एक बार फिरसे जानलेवा साबित होने लगी है।
केदारपुर स्थित चौपाटी में भी ऐसा ही हाल है। दरअसल चौपाटी के लिए निर्धारित जगह से ज़्यादा बाहर मुख्य मार्ग पर अवैध ठेलों का संचालन किया जा रहा है, जिनकी वजह से यह मुख्य व्यस्तम सड़क बेहद संकीर्ण हो चुका है और आये दिन यहाँ भी जाम की स्थिति बनती है और अनेक दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। नगर निगम की ओर से आने वाले एजेंट इन सब से महज़ दस रुपये की वसूली करते है; जिसके बाद निगम अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाता है।
ठीक ऐसी ही स्थिति मल्टी परपज स्कूल से पुलिस लाइन और मल्टी परपज से गुरुद्वारा चौक के मार्ग की भी है। गुदरी चौक के आसपास भी अवैध ठेलों की बेतरतीबी परेशानी का सबब बन चुकी हैं ।इन इलाकों में पिछले कुछ सालों में अवैध ठेले-गुमटियों की संख्या में बेतहाशा इज़ाफ़ा हुआ है। इन इलाकों में ट्रेफिक ट्रैफ़िक नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूत जाते हैं।देवीगंज रोड, सदर रोड, ब्रह्म रोड सहित जिला अस्पताल के आसपास की सड़कें भी अवैध ठेलों और गुमटियों की अचानक आई बाढ़ के चपेटे में हैं। विडंबना है कि इन समस्याओं से आंखें मूँदी निगम सरकार को जागने वाले विपक्ष की आँखों में भी पट्टी बँधी है ऐसे में शहर की जानता भगवान भरोसे ही हैं।