आईपीएस रतन लाल डांगी के दामन पर लग रहे दागों के पीछे कोई साजिश तो नहीं?

 

अम्बिकापुर- सरगुजा रेंज सहित कई पुलिस रेंज के आईजी रह चुके व्यवहार कुशल और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए जाने जाने वाले आईपीएस रतन लाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के बाद सूबे के पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है।  डांगी पर उनके ही मातहत कर्मचारी सब इंस्पेक्टर की पत्नी ने लगातार सात सालों से यौन शोषण का आरोप लगाते हुए डीजीपी से शिकायत की है, वहीं आईपीएस डांगी ने भी डीजीपी को पत्र लिख कर हनी ट्रैप जैसे किसी मामले में फँसा कर धन उगाही और छवि ख़राब करने का शिकायती पत्र डीजीपी को भेज कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह सब घटना क्रम ठीक ऐसे मौके पर घट रहा है जब छत्तीसगढ़ में पहली बार रायपुर पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद पहले कमिश्नर के तौर पर रतन लाल डांगी का नाम सबसे आगे चल रहा था और अब राज्य सरकार ऐसे नाजुक मौके पर इतने संगीन आरोपों को नज़रअंदाज़ कर कमिश्नर जैसे गंभीर पद पर उन्हें नियुक्त करने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी।

रतनलाल डांगी अब तक स्वच्छ छवि के बेहतरीन पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते रहे थे। पूर्व की बीजेपी सरकार और कांग्रेस की सरकार में भी वह बेहद महत्वपूर्ण ओहदों पे रह चुके हैं। उन पर इतना संगीन आरोप लगना किसी साजिश की तरफ़ इशारा करता है। रतन लाल डांगी 2003 के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह दो राष्ट्रपति पदक प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ के पहले आईपीएस हैं। राजस्थान के नागौर में जन्मे डांगी सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के आईजी रह चुके हैं। डांगी पर महिला ने जो गंभीर आरोप लगाए हैं और उसपर सफ़ाई पेश करते हुए जो बातें आईपीएस ने कही है उससे यह तो साफ़ हो जाता है कि दोनों लंबे समय से संपर्क में ज़रूर थे। लेकिन यह जाँच के बाद ही तय हो पाएगा कि किसके आरोपों में कितनी सच्चाई है।

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