महाराष्ट्र के डी.वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज, कोल्हापुर से एम.डी. उत्तीर्ण — अब छत्तीसगढ़ में बच्चों की सेवा का संकल्प
सक्ती/डभरा।
कहते हैं कि अगर लगन और जुनून सच्चा हो, तो गांव की मिट्टी से भी प्रतिभा की खुशबू देशभर में फैलती है।
ऐसा ही कर दिखाया है ग्राम साराडीह की बहू-बेटी डॉ. भावना जायसवाल ने, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर क्षेत्र का नाम गौरवान्वित किया है।
डॉ. भावना जायसवाल ने हाल ही में महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित डी.वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज, कोल्हापुर से एम.डी. (शिशुरोग विशेषज्ञ) की डिग्री उत्तीर्ण की है। यह कॉलेज देश के अग्रणी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में से एक है।
एम.डी. में चयन से पूर्व डॉ. भावना ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान), बिलासपुर से पूरी की थी। शिक्षा काल से ही वे एक प्रतिभाशाली और संवेदनशील डॉक्टर के रूप में जानी जाती रहीं हैं।
एम.डी. में प्रवेश से पहले उन्होंने जिला अस्पताल जांजगीर में चिकित्सा अधिकारी (Medical Officer) के रूप में अपनी सेवाएं दीं, जहां उनकी कार्यकुशलता और रोगियों के प्रति संवेदनशीलता की खूब सराहना हुई।
इसके अतिरिक्त, सिम्स बिलासपुर में भी चिकित्सा अधिकारी पद पर उनका चयन हुआ था, जहां उन्होंने अपनी सेवाएं देकर चिकित्सा क्षेत्र में सराहनीय योगदान दिया।
अब परीक्षा में अव्वल अंक से सफलता प्राप्त करने के बाद डॉ. भावना जायसवाल पुनः छत्तीसगढ़ लौटकर बच्चों के स्वास्थ्य की सेवा करने का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि –
“गांव और प्रदेश की मिट्टी ने जो पहचान दी है, उसे लौटाना मेरा कर्तव्य है। मैं चाहती हूँ कि क्षेत्र के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।”
आपको बता दें कि डॉ. भावना जायसवाल, क्षेत्र के होनहार बेटे और प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत जायसवाल की धर्मपत्नी हैं।

इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर क्षेत्रीय विधायक श्री रामकुमार यादव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा —
“हमारी बहू-बेटियां आज हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। ग्राम साराडीह की डॉ. भावना जायसवाल ने जिस मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है, वह हमारे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। उनके वापस आने से शिशु रोग क्षेत्र में विशेषज्ञ सेवाएं मिलेंगी। मैं उनके उज्ज्वल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”
डॉ. भावना जायसवाल की सफलता पर उनके परिजनों रामभरोस जायसवाल, रुखमणी जायसवाल, दिनेश इजारदार, निद्रा इजारदार, हुमेश जायसवाल एवं सिमरन जायसवाल ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि पूरे परिवार और क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण है।
क्षेत्रवासियों ने भी सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर डॉ. भावना की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने साबित कर दिया है —
“गांव की बेटियां अगर ठान लें, तो वे देश-प्रदेश में हर ऊँचाई छू सकती हैं।”