अंबिकापुर-आज छत्तीसगढ़ के पहले उप मुख्य मंत्री और सरगुजा रियासत के राजा त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव का जन्मदिन है, लेकिन वे बीते 41 साल से कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं।कहते हैं इसके पीछे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की असमय मौत होना है।जन्म से कांग्रेसी त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव के 32वें जन्मदिन के दिन ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी,इसके बाद से इंदिरा गांधी की याद में कभी भी टीएस सिंहदेव में अपना जन्मदिन नहीं मनाया।
सिंहदेव परिवार का कांग्रेस के प्रति समर्पण देखते हुए 31 अक्टूबर को टीएस सिंहदेव ने अपना जन्मदिन पर केक काटना और सेलिब्रेट करना बंद कर दिया।हालांकि उनके समर्थक अपने अपने तरीके से उनका जन्मदिन मनाते हैं, लेकिन टीएस सिंहदेव 1984 से किसी उत्सव में शरीक नहीं हुए हैं।
बच्चो से इनका प्रेम कई बार देखा जाता है और हो भी क्यों ना आखिर वो भी कभी बच्चे थे, जब 31 अक्टूबर 1952 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में उनका जन्म हुआ था, तब पिता मदनेश्वर शरण सिंहदेव और माता देवेन्द्र कुमारी ने बेटे टी एस सिंह यानी की त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव का पहला जन्म दिन 31 अक्टूबर 1953 को सेलिब्रेट किया था और राजपरिवार के बड़े बेटे का जन्मदिन वर्ष 1983 तक मनाया गया लेकिन जब टी एस सिंह 32 वर्ष के हुए यानी 31 अक्टूबर 1984 को उनका जन्म दिन नही मनाया गया उस दिन देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई और इस शोक की वजह से टी एस सिंहदेव का जन्म दिन नही मनाया गया।
सिंहदेव परिवार का कांग्रेस के प्रति समर्पण और इंदिरा गांधी के प्रति निष्ठा के परिणामस्वरूप 32 वर्षीय नव युवक टी एस सिंहदेव में अपने जन्म दिन पर केक काटना व सेलिब्रेट करना बंद कर दिया तब से अब तक 41 वर्ष से टी एस सिंहदेव ने अपना जन्मदिन नही मनाया है, हालाकी उनके समर्थक अपने अपने तरीके से उनका जन्मदिन मनाते हैं, लेकिन टी एस सिंह किसी उत्सव में शरीक नही होते हैं।
सरगुज़ा राजपरिवार के जानकार और करीबी गोविंद शर्मा ने यह सारी जानकारी देते हुये बताया की टी एस सिंह स्व.इंदिरा गांधी को अपना आदर्श मानते थे और उनकी हत्या के बाद वो दुखी हुए इसी वजह से आज भी वो अपना जन्मदिन नही मनाते हैं।